dhadkan
By Nidhi Sahu· Tuesday, April 12, 2011
तुम्हारी प्यार भारी आँखों में देखा हे,
अपने दिल को धड़कते हुए
पीले अमलतास के झरते फूलों से
बसंती हुआ मेरा मन,
छूना चाहता हे चुपके से,
तुम्हारे दिल को
,घुलना चाहता हे
तुम्हारी धड़कनो में
स्वयं को समेट कर
सौंप दिया हे तुम्हें,
सुन रहीं हूँ खामोशी के,
इस मधुर गीत को,
महसूस करती हूँ ,
अपने अंदर से आती हुई,
तुम्हारी भीनीसी खुशबू को
सहेज लिया हे तुम्हें,
अपनी पलकों पे ,अधरों पे,
हथेलियों पे,
क्योंकि तुम मेरी जिंदगी का,
एक खूबसूरत पल .....

अपने दिल को धड़कते हुए
पीले अमलतास के झरते फूलों से
बसंती हुआ मेरा मन,
छूना चाहता हे चुपके से,
तुम्हारे दिल को
,घुलना चाहता हे
तुम्हारी धड़कनो में
स्वयं को समेट कर
सौंप दिया हे तुम्हें,
सुन रहीं हूँ खामोशी के,
इस मधुर गीत को,
महसूस करती हूँ ,
अपने अंदर से आती हुई,
तुम्हारी भीनीसी खुशबू को
सहेज लिया हे तुम्हें,
अपनी पलकों पे ,अधरों पे,
हथेलियों पे,
क्योंकि तुम मेरी जिंदगी का,
एक खूबसूरत पल .....

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